अलविदा राहत इंदौरी साहब !

 आज हम सब के बीच मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब नहीं रहे,

उनकी शायरी का हर कोई दीवाना था,बड़े, बूढ़े ,बच्चे हर कोई उनकी शख्सियत का दीवाना था। लेकिन नियति के आगे किसी की नहीं चलती ,अतः राहत साहब भी इससे हार गए ।

आइए उनकी जिंदगी पर एक नजर डालते है,

राहत का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में कपड़ा मिल के कर्मचारी रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम के यहाँ हुआ। वे उन दोनों की चौथी संतान हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की[3] और 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालयभोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया।[4] तत्पश्चात 1985 में मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

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