Importance of Donation.(Daan ka Mahattava)
दान का महत्व :-
दान ४ प्रकार का होता है |
एक तामस व्यक्ति को दान करना,एक राजस व्यक्ति को दान करना,एक सात्त्विक व्यक्ति को दान करना और गुणातीत को दान करना |
तो जिस पात्र को हम दान करेंगे उसी का फल मिलेगा | अगर हमने ऐसे व्यक्ति को दान किया हैं जो तामसी है तो हमको नरक मिलेगा |
दान का फल और ऐसे व्यक्ति को दान किया है जो रजोगुणी है,तो हमको रजोगुण का फल मिलेगा और अगर हमने देवताओ को दान |
किया है-इन्द्र ,वरुण,कुबेर आदि के नाम से,यज्ञादिक में तो स्वर्ग मिलेगा |और अगर महापुरुष और भगवान को दान किया है,तो उसे
भगवत्कृपा मिलेगी,और भगवत्प्रेम मिलेगा | ये ४ प्रकार का दान का फल होता है | जिस पात्र में दान करोगे उसी पात्र का फल मिल जाएगा |
इसलिये दान में पात्र का विचार बहुत आवश्यक होता है | गलत पात्र में दान करने का परिणाम गलत होता है | नरक तक मिल जाता है | और
हम दान कर रहे है | हमने दान किया और उस दान के पैसे से उसने पाप किया, तो हमको भी दण्ड मिलेगा |
एक तामस व्यक्ति को दान करना,एक राजस व्यक्ति को दान करना,एक सात्त्विक व्यक्ति को दान करना और गुणातीत को दान करना |
तो जिस पात्र को हम दान करेंगे उसी का फल मिलेगा | अगर हमने ऐसे व्यक्ति को दान किया हैं जो तामसी है तो हमको नरक मिलेगा |
दान का फल और ऐसे व्यक्ति को दान किया है जो रजोगुणी है,तो हमको रजोगुण का फल मिलेगा और अगर हमने देवताओ को दान |
किया है-इन्द्र ,वरुण,कुबेर आदि के नाम से,यज्ञादिक में तो स्वर्ग मिलेगा |और अगर महापुरुष और भगवान को दान किया है,तो उसे
भगवत्कृपा मिलेगी,और भगवत्प्रेम मिलेगा | ये ४ प्रकार का दान का फल होता है | जिस पात्र में दान करोगे उसी पात्र का फल मिल जाएगा |
इसलिये दान में पात्र का विचार बहुत आवश्यक होता है | गलत पात्र में दान करने का परिणाम गलत होता है | नरक तक मिल जाता है | और
हम दान कर रहे है | हमने दान किया और उस दान के पैसे से उसने पाप किया, तो हमको भी दण्ड मिलेगा |
........श्री कृपालु महाराज जी |
Jay Shri Maharaj ji
Comments
Post a Comment